UP Outsourcing : उत्तर प्रदेश के 9 लाख से ज्यादा आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से दी गई है , उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को लेकर इंतजार कर रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है , क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार लाखों आउटसोर्स कर्मियों के श्रम अधिकारों , पारिश्रमिक और सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए “उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS) “के गठन को मंजूरी दे दी है। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लेते हुए की कहा कि निगम प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के साथ-साथ आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए उनके जीवन को स्थायित्व और भरोसा सुनिश्चित करेगा।
CM Yogi: यूपी आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को मिली मंजूरी
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को अपने आवास पर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में प्रस्तावित यूपी आउटसोर्स सेवा निगम की कार्य प्रणाली संरचना और दायरे पर विचार विमर्श करने के बाद कहां कि ” राज्य सरकार श्रमिकों के श्रम सम्मान और अधिकारों की रक्षा के लिए संकल्पित है। ” अभी आउटसोर्स एजेंसियों का चयन विकेंद्रीकृत तरीके से होता है जिसकी वजह से कई सारी समस्याएं हैं जिसमें
- कर्मचारियों समय पर वेतन न मिलाना
- वेतन में कटौती होना
- समय पर EPF और ESI का लाभ न मिलाना
- निर्धारित समय पर कर्मचारियों की सैलरी न मिलाना
- पारदर्शिता और उत्पीड़न जैसी समस्याएं
यूपी आउटसोर्स सेवा निगम का गठन कंपनी एक्ट के तहत किया जाएगा है।
यूपी आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को मिली मंजूरी अब उठाए जाएंगे ये कदम
- मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और महानिदेशक की नियुक्ति की जाएगी।
- मंडल और जिला स्तर पर समितियों का गठन होगा।
- आउटसोर्स एजेंसियों का चयन जेम पोर्टल (Gem Portal) के माध्यम से न्यूनतम 3 वर्षों के लिए किया जाएगा।
- वर्तमान कर्मियों की सेवाएं बाधित न हों और अनुभव के आधार पर वेटेज दिया जाए।
- आउटसोर्सिंग कर्मियों का सैलरी प्रत्येक माह की 5 तारीख तक बैंक खाते में भेजा जाए।
- EPF और ESI समय से आउटसोर्स कर्मचारियों के अकाउंट में जमा हो।
- इसके साथ आउटसोर्स कर्मचारियों को मिलने वाले सभी लाभ समय से मिले।
यूपी आउटसोर्स सेवा निगम की क्या होगी भूमिका ?
यूपी आउटसोर्स सेवा निगम को रेगुलेटरी बॉडी की भूमिका में रखा जाएं और यह निगम एजेंसियों की निगरानी करें , नियमों की उलझन पर ब्लैक लिस्टिंग डिपार्टमेंट पेनल्टी और वैधानिक कार्रवाई की जाए।
आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति में आरक्षण के प्रावधानों का पालन किया जाएगा , वहीं निराश्रित तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। नियमित पदों के विरुद्ध आउटसोर्सिंग सेवा नहीं ली जाए , किसी भी आउटसोर्स कर्मचारी को तब तक सेवा से मुक्त न किया जाए , जब तक संबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी की संस्तुति न हो।