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  • संविदा कर्मचारियों को मिली बड़ी राहत, होगी परमानेंट नौकरी हाई कोर्ट का फैसला- Contract Employees Normalization News

    संविदा कर्मचारियों को मिली बड़ी राहत, होगी परमानेंट नौकरी हाई कोर्ट का फैसला- Contract Employees Normalization News

    Contract Employees Normalization News: सभी संविदा कर्मचारी यानी की जो कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं उनके लिए महत्वपूर्ण अपडेट आया है। संविदा कर्मचारियों को मिलेगा अब राहत की सांस, क्युकी हाई कोर्ट ने उनकी कई सालों की मांग को पूरा कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संविदा कर्मचारियों (Contract Employees) के पक्ष में बड़ा फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने या फैसला दिया है कि यदि कोई ऐसा संविदा कर्मचारी यानी कि कांट्रैक्ट एम्पलाई है जो की सरकारी काम को लगातार कई साल से कर रहा है तो उस केस में उस संविदा कर्मचारियों को नियमित यानी की रेगुलर यानी की परमानेंट किया जाना चाहिए, हाई कोर्ट में इस पर सख्त आदेश दिया है।

    हाई कोर्ट का कहना है कि संविदा कर्मचारियों द्वारा लगातार सेवा बहुत जरूरी है। जहां पर संस्थान ने खुद संविदा कर्मचारियों को हटाने से नहीं रोका हो और वह लगातार काम कर रहे हैं वहां उन्हें रेगुलर करने पर विचार होना चाहिए। इस फैसले के आते हैं तमाम संविदा कर्मचारी के अंदर हरसोलस खुशी की लहार उमड़ गई।

    सरकारी उद्यान का मामला

    हाई कोर्ट द्वारा लिए गए इस फैसले का आधार आगरा के सरकारी उद्यान (गवर्नमेंट गार्डन) में काम कर रहे माली (गार्डनर) संविदा कर्मचारियों का मामला है। इन कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ हाई कोर्ट ने चयन समिति यानि की Selection Committee को सख्त आदेश दिया है कि वह इन कर्मचारियों की अपील पर दोबारा विचार करे। सिलेक्शन समिति को चाहिए कि वह याचिकाकर्ताओं की बात सुने और रेगुलर करने की प्रक्रिया को नए सिरे से देखे।

    आपकी बता दें की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि अनुच्छेद 16 के तहत सभी नागरिकों को समान अवसर मिलना चाहिए। अगर कोई संविदा कर्मचारी कई सालों से सेवा दे रहा है, तो उसे भी स्थायी नौकरी का अवसर मिलना चाहिए। ऐसे मामलों में सिर्फ तकनीकी कारणों से रेगुलर करने से इनकार करना संविधान का उल्लंघन है।

    लगातार काम कर रहे कर्मचारियों को रेगुलर करने का हक़

    याचिकाकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने 1998 से 2001 के बीच संविदा पर नौकरी शुरू की थी। तब से आज तक उन्होंने लगातार ड्यूटी की है, केवल कुछ कृत्रिम अवकाश (रुकावटें) को छोड़कर। इन गेप्स को कोर्ट ने गंभीरता से नहीं माना और कहा कि कर्मचारी फिर भी रेगुलर होने के हकदार हैं। 2016 में एक अधिसूचना के तहत कर्मचारियों ने रेगुलर होने के लिए आवेदन किया था। लेकिन चयन समिति ने आवेदन नामंजूर कर दिया था। इसके बाद कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में अपील की, लेकिन एकल पीठ (Single Bench) ने भी राहत नहीं दी थी। अब डिवीजन बेंच (खंडपीठ) ने उनके पक्ष में फैसला दिया है।

    आदेश आने से अन्य संविदा कर्मचारियों को मिली उम्मीद

    आपको बता दें की हाई कोर्ट द्वारा दिया गया यह फैसला सिर्फ आगरा के संविदा कर्मचारियों के लिए नहीं, बल्कि देशभर के लाखों संविदा कर्मियों के लिए एक मिसाल बन सकता है। जो भी संविदा कर्मचारी जो कई सालों से लगातार सेवा में हैं, वे इस आधार पर कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकते हैं।

  • UP Rojgar Mission: हर साल 1 लाख युवाओं को मिलेगी नौकरी , 30 हजार मिलेगा विदेश में काम करने का मौका

    UP Rojgar Mission: हर साल 1 लाख युवाओं को मिलेगी नौकरी , 30 हजार मिलेगा विदेश में काम करने का मौका

    UP Rojgar Mission , Cabinet Big Update : उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से बृहस्पतिवार को आयोजित की गई कैबिनेट बैठक में कई सारे प्रस्ताव पर मंजूरी मिली है , उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से बेरोजगारी गांव को देश में अलग-अलग जगह पर रोजगार देने के साथ-साथ विदेश में भी नौकरी देने के लिए नया कदम उठाए जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार को कैबिनेट की बैठक में “उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन ” के गठन के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। रोजगार मिशन का मुख्य उद्देश्य सीधे राज्य सरकार के माध्यम से न केवल युवाओं को देश के अलग-अलग जगह पर रोजगार व नौकरी देना बल्कि युवाओं को विदेश में भी नौकरी के अवसर दिलाना है।

    हर साल 1 लाख युवाओं को देश में और 30000 को विदेश में मिलेगी नौकरी

    अप रोजगार मिशन के प्रस्ताव पर मंजूरी मिलने के बाद अब यूपी में हर साल एक लाख युवाओं को देश ने अलग-अलग जगह पर नौकरी देने के साथ-साथ विदेश में भी हर साल 30000 युवाओं को सेटलमेंट / नौकरी दी जाएगी। कैबिनेट की बैठक के बाद श्रम मंत्री अनिल राजभर में बताया कि

    ” अब तक सेवायोजन विभाग केवल रोजगार मेलों और सेवायोजकों के माध्यम से राज्य के बेरोजगार युवाओं को अवसर दिला रहा था , अब उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन के गठन के साथ हम देश और विदेश दोनों स्तर पर युवाओं को सीधी नौकरी दिला सकेंगे। “

    जाने यूपी रोजगार मिशन में क्या-क्या होगा

    मिशन की प्रमुख गतिविधियों में देश-विदेश में रोजगार मांग का सर्वेक्षण, प्रतिष्ठित कंपनियों से मांग एकत्र करना, स्किल गैप का आकलन और आवश्यक प्रशिक्षण देना शामिल है। इसके अलावा, भाषा प्रशिक्षण, प्रि डिपार्चर ओरिएंटेशन, कैरियर काउंसलिंग और कैम्पस प्लेसमेंट भी किया जाता है। प्लेसमेंट के बाद सहायता और फॉलोअप सेवा भी प्रदान की जाती है।

    देश विदेश में आज के समय में पैरा मेडिकल, नर्सिंग स्टाफ , ड्राइवर, कुशल श्रमिकों की मांग तेजी से पढ़ रही है , क्या रोजगार मिशन राज्य की उसे क्षमता को दिशा और अवसर देने का माध्यम बनेगा।

  • UP Outsourcing : यूपी आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को मिली मंजूरी , लाखों कर्मचारियों के लिए खुशखबरी

    UP Outsourcing : यूपी आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को मिली मंजूरी , लाखों कर्मचारियों के लिए खुशखबरी

    UP Outsourcing : उत्तर प्रदेश के 9 लाख से ज्यादा आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से दी गई है , उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को लेकर इंतजार कर रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है , क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार लाखों आउटसोर्स कर्मियों के श्रम अधिकारों , पारिश्रमिक और सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए “उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS) “के गठन को मंजूरी दे दी है। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लेते हुए की कहा कि निगम प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के साथ-साथ आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए उनके जीवन को स्थायित्व और भरोसा सुनिश्चित करेगा।

    CM Yogi: यूपी आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को मिली मंजूरी

    उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को अपने आवास पर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में प्रस्तावित यूपी आउटसोर्स सेवा निगम की कार्य प्रणाली संरचना और दायरे पर विचार विमर्श करने के बाद कहां कि ” राज्य सरकार श्रमिकों के श्रम सम्मान और अधिकारों की रक्षा के लिए संकल्पित है। ” अभी आउटसोर्स एजेंसियों का चयन विकेंद्रीकृत तरीके से होता है जिसकी वजह से कई सारी समस्याएं हैं जिसमें

    • कर्मचारियों समय पर वेतन न मिलाना
    • वेतन में कटौती होना
    • समय पर EPF और ESI का लाभ न मिलाना
    • निर्धारित समय पर कर्मचारियों की सैलरी न मिलाना
    • पारदर्शिता और उत्पीड़न जैसी समस्याएं

    यूपी आउटसोर्स सेवा निगम का गठन कंपनी एक्ट के तहत किया जाएगा है।

    यूपी आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को मिली मंजूरी अब उठाए जाएंगे ये कदम

    • मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और महानिदेशक की नियुक्ति की जाएगी।
    • मंडल और जिला स्तर पर समितियों का गठन होगा।
    • आउटसोर्स एजेंसियों का चयन जेम पोर्टल (Gem Portal) के माध्यम से न्यूनतम 3 वर्षों के लिए किया जाएगा।
    • वर्तमान कर्मियों की सेवाएं बाधित न हों और अनुभव के आधार पर वेटेज दिया जाए।
    • आउटसोर्सिंग कर्मियों का सैलरी प्रत्येक माह की 5 तारीख तक बैंक खाते में भेजा जाए।
    • EPF और ESI समय से आउटसोर्स कर्मचारियों के अकाउंट में जमा हो।
    • इसके साथ आउटसोर्स कर्मचारियों को मिलने वाले सभी लाभ समय से मिले।

    यूपी आउटसोर्स सेवा निगम की क्या होगी भूमिका ?

    यूपी आउटसोर्स सेवा निगम को रेगुलेटरी बॉडी की भूमिका में रखा जाएं और यह निगम एजेंसियों की निगरानी करें , नियमों की उलझन पर ब्लैक लिस्टिंग डिपार्टमेंट पेनल्टी और वैधानिक कार्रवाई की जाए।

    आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति में आरक्षण के प्रावधानों का पालन किया जाएगा , वहीं निराश्रित तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। नियमित पदों के विरुद्ध आउटसोर्सिंग सेवा नहीं ली जाए , किसी भी आउटसोर्स कर्मचारी को तब तक सेवा से मुक्त न किया जाए , जब तक संबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी की संस्तुति न हो।

  • UP Outsourcing : क्या है उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम , जानें किन्हें मिलेगी नौकरी और कैसे करें ऑनलाइन आवेदन ?

    UP Outsourcing : क्या है उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम , जानें किन्हें मिलेगी नौकरी और कैसे करें ऑनलाइन आवेदन ?

    UP Outsourcing : उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS) : उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारी पर हो रहे उत्पीड़न व शोषण को रोकने और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को मंजूरी मिली है जिससे अब यूपी में आउटसोर्स सेवा निगम बनेगा। इस निगम के माध्यम से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग विभागों कार्यालय में संस्थानों में आवश्यक पदों पर आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। आईए जानते हैं क्या है यूपी आउटसोर्स सेवा निगम ?

    क्या है यूपी आउटसोर्स सेवा निगम ( UPCOS) ?

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स सेवा निगम (UP Outsource Seva Nigam) के गठन को कैबिनेट से मंजूरी में गई है , यूपी में आउटसोर्स सेवा निगम एक रेगुलेटरी बॉडी के रूप में कार्य करेगा, इसकी भूमिका Regulatory Body के रूप में होगी। आउटसोर्स कर्मचारी को समय से सैलरी मिल रही है या नहीं , पीएफ जमा हो रहा है या नहीं इन सब की निगरानी आउटसोर्स सेवा निगम करेगा। यह आउटसोर्स सेवा निगम एजेंसियों की निगरानी करेगा और नियमों की उलझन पर ब्लैक लिस्टिंग , डिबारमेंट , पेनल्टी और वैधानिक कार्रवाई भी करेगा। आउटसोर्स और निगम की मंजूरी के बाद अब कई सारी सुविधाएं 9 लाख से ज्यादा आउटसोर्स कर्मचारियों को मिलेगी।

    सभी वर्गों को युवाओं को मिलेगा मौका

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्सिंग निगम के गठन के बाद अब आरक्षण के नियम को सही-सही लागू किया जाएगा , आउटसोर्सिंग भारतीयों में वैसे भी आरक्षण का पालन किया जाएगा जैसे सरकारी भर्तियों में आरक्षित वर्ग के अनुसार नोटिफिकेशन जारी किया जाता है। अनुसूचित जाति (SC) , अनुसूचित जनजाति (ST) , अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और आर्थिक रूप से कमजोर (EWS) वर्ग को सरकार के नियम के अनुसार से आरक्षण मिलेगा।

    किसे मिलेगी नौकरी

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के बाद अब उत्तर प्रदेश के अलग-अलग सरकारी विभागों कार्यालय और निकायों में आउटसोर्स कर्मचारी की तैनाती की जाएगी इसमें ज्यादातर माध्यमिक शिक्षा विद्यालय , परिवहन निगम विभाग , चिकित्सा शिक्षा विभाग के साथ यूपी के अन्य विभाग शामिल है।

    इन पदों पर मिलेगी नौकरी , बिना परीक्षा

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्सिंग के जरिए माध्यमिक शिक्षा विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ( चपरासी , चौकीदार और सफाई कर्मचारी ) , बेसिक शिक्षा विभाग में डाटा एंट्री ऑपरेटर व ECCE एजुकेटर , हेल्पर, परिवहन निगम में बस कंडक्टर , सिक्योरिटी गार्ड , क्लर्क के अलावा अलग-अलग पदों पर नोटिफिकेशन जारी कर भर्तियां की जाती हैं।

    यूपी आउटसोर्स भर्ती के लिए कहां से और कैसे
    आवेदन करें ?

    उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स के माध्यम से अलग-अलग विभागों में रिक्त पड़े पदों पर आधिकारिक नोटिफिकेशन और आवेदन सेवायोजन पोर्टल https://sewayojan.up.nic.in/ के द्वारा मांगा जाता है। अगर आप यूपी में आउटसोर्स के आधार पर नौकरी पाना चाहते हैं तो अपना पंजीकरण यूपी सरकार के सेवायोजन पोर्टल पर कर सकते हैं। इसी पोर्टल पर अलग-अलग एजेंसी के द्वारा नोटिफिकेशन जारी कर आवेदन आमंत्रित किया जाएगा।

  • UP Primary School Important News: प्राथमिक स्कूल विलय को हरी झंडी, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिकाएं

    UP Primary School Important News: प्राथमिक स्कूल विलय को हरी झंडी, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिकाएं

    UP Primary School Important News: उत्तर प्रदेश के प्राथमिक / प्राइमरी स्कूलों के लिए महत्वपूर्ण अपडेट आया है। प्राथमिक स्कूलों के विलय पर हाईकोर्ट की मुहर लग चुकी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया कि जिन प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की संख्या कम है, उन्हें नज़दीकी उच्च प्राथमिक या कंपोजिट स्कूलों में मिला दिया जाये यानी की मर्ज कर दिया जाए। मर्ज करने के पीछे सरकार का उद्देश्य था की तमाम संसाधनों का बेहतर उपयोग करना और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना। सरकार के इसी मर्ज के खिलाफ कुछ बच्चे और उनके माता पिता में आवाज उठाया था। इसी पर हाई कूट ने फैसला सुना दिया, आइए इस लेख के माध्यम से जानतें हैं की क्या है पूरा मामला, और हाई कूट का क्या फैसला रहा।

    किसने और क्यों विरोध किया

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सीतापुर के तक़रीबन 51 बच्चों के माता-पिता और अन्य लोगों ने सरकार के इस फैसले पर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। रिपोर्ट के अनुसार याचिकाकर्ताओं ने कहा कि: यह फैसला 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को मिलने वाले मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन करता है। स्कूल दूर होने से बच्चों को आने-जाने में दिक्कत होगी। छोटे बच्चों के लिए यह असुरक्षित भी हो सकता है। आइए जानतें हैं की इसपर सरकार की तरफ से क्या कहा गया।

    सरकार का क्या जवाब था

    याचिकाकर्ताओं पर सरकार ने कहा कि, कई सारे ऐसे प्राथमिक स्कूल हैं जहां पर एक भी बच्चा नहीं पढ़ रहें। इन स्कूलों को नजदीकी स्कूलों में मिलाकर शिक्षकों और संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सकता है। सरकार ने कहा की इस फैसले का मकसद केवल शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना है, ना कि किसी के अधिकारों का उल्लंघन करना। चलिए अब जातें हैं की इस तमाम मामले पर हाई कूट ने क्या बयान दिया।

    हाईकोर्ट का फैसला क्या आया?

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के जज न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने सोमवार को फैसला सुनाया। कोर्ट ने याचिकाओं को खारिज कर दिया और कहा कि, सरकार का यह निर्णय बच्चों के हित में लिया किया गया है। सरकार द्वारा लिया गया यह आदेश कानून का उल्लंघन नहीं करता। इससे राज्य सरकार को बड़ी राहत मिली है। आपको बता दें की इस मामले की सुनवाई पिछले शुक्रवार यानि की 5 जुलाई 2025 को हुई थी। कोर्ट ने तब फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह फैसला सोमवार, 7 जुलाई 2025 को दोपहर में सुनाया गया।

  • UP Scholarship Registration 2025-26: यूपी स्कॉलरशिप के लिए रजिस्ट्रेशन शुरु , देखें महत्वपूर्ण तिथियां और डॉक्यूमेंट

    UP Scholarship Registration 2025-26: यूपी स्कॉलरशिप के लिए रजिस्ट्रेशन शुरु , देखें महत्वपूर्ण तिथियां और डॉक्यूमेंट

    UP Scholarship Registration 2025-26 : उत्तर प्रदेश में वर्ष 202526 के लिए स्कॉलरशिप रजिस्ट्रेशन का प्रक्रिया शुरू हो गया है। अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति सामान्य वर्ग अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के पूर्व दशम यानी प्री मैट्रिक जिसमें 9वीं और 10वीं कक्षा के अभ्यर्थी के लिए और पोस्ट मैट्रिक , जिसमें 11वीं और 12वीं कक्षा के लिए अभ्यर्थियों के लिए रजिस्ट्रेशन का प्रक्रिया शुरू किया गया है। यूपी स्कॉलरशिप रजिस्ट्रेशन को बड़ी अपडेट भी है सबसे पहले अप स्कॉलरशिप में ऑनलाइन आवेदन करने से पहले ओटीआर ( One Time Registration) रजिस्ट्रेशन करना होगा। OTR रजिस्ट्रेशन करने के बाद ही स्कॉलरशिप के लिए ऑनलाइन आवेदन कर पाएंगे जानते हैं कब से कब तक होगा यूपी स्कॉलरशिप के लिए रजिस्ट्रेशन ?

    कब से कब तक होगा यूपी स्कॉलरशिप के लिए रजिस्ट्रेशन

    UP Scholarship (Pre Matric) , Post Matric दोनों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का प्रक्रिया शुरू हो चुका है , ऐसे अभ्यर्थी जो 9वीं , 10वीं , 11वीं और 12वीं की कक्षा में है , वे इसके लिए आवेदन फॉर्म भर सकते हैं। पात्र अभ्यर्थियों को 31 दिसंबर तक स्कॉलरशिप की राशि भेजी जाएगी।

    कब क्या होगा ? समय-सीमा
    मॉस्टर डाटा में विद्यालय शामिल करना1 जुलाई से 5 जुलाई
    छात्रों द्वारा ऑनलाइन आवेदन2 जुलाई से 30 अक्टूबर
    छात्रों और संस्थानों द्वारा गलतियों में सुधार18 नवंबर से 21 नवंबर
    शिक्षण संस्थानों द्वारा ऑनलाइन सत्यापन10 दिसंबर तक
    स्कॉलरशिप का भुगतान31 दिसंबर तक

    यूपी स्कॉलरशिप रजिस्ट्रेशन के लिए लगेंगे ये डॉक्युमेंट

    यूपी स्कॉलरशिप में रजिस्ट्रेशन करने के लिए अभ्यर्थी के पास सभी आवश्यक डॉक्यूमेंट उपलब्ध होने चाहिए , आवश्यक डॉक्यूमेंट के साथ-साथ अभ्यर्थी का बैंक खाता भी आधार कार्ड से लिंक होना चाहिए और एनपीसीआई एक्टिव होना चाहिए। रजिस्ट्रेशन करने के लिए इन डॉक्यूमेंट को रख तैयार ,

    • अभ्यर्थी का आधार कार्ड
    • पिछली वर्ष का मार्कशीट या सर्टिफिकेट
    • आय जाति और निवास प्रमाण पत्र
    • वार्षिक नॉन रिफण्डेबिल फीस
    • पंजीयन क्रमांक
    • आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर
    • अभ्यर्थी का बैंक खाता
    • IFSC कोड।

    यूपी स्कॉलरशिप पाने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

    • सबसे पहले अभ्यर्थी के मार्कशीट और शैक्षणिक डॉक्यूमेंट में लिखा नाम आधार कार्ड में लिखे नाम से मैच होना चाहिए।
    • अभ्यर्थी का बैंक अकाउंट, आधार कार्ड से लिंक होना चाहिए।
    • बैंक खाता में एनपीसीआई और DBT चालू होना चाहिए।

    UP Scholarship Registration 2025 : ऐसे करें यूपी स्कॉलरशिप के लिए रजिस्ट्रेशन

    उत्तर प्रदेश में स्कॉलरशिप पाने के लिए स्कॉलरशिप योजना में रजिस्ट्रेशन करना होता है , सरकार की तरफ से स्कॉलरशिप का पोर्टल बनाया गया है जहां पर स्टूडेंट खुद रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इसके अलावा ऐसे अभ्यर्थी जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं करने आता है हुए ऑनलाइन सर्विस सेंटर पर जाकर स्कॉलरशिप के लिए रजिस्ट्रेशन फॉर्म भर सकते हैं।

  • यूपी में 20000 युवाओं को मिलेगा रोजगार , इस क्षेत्र में होंगे बड़े निवेश , जानिए क्या है यूपी सरकार का प्लान

    यूपी में 20000 युवाओं को मिलेगा रोजगार , इस क्षेत्र में होंगे बड़े निवेश , जानिए क्या है यूपी सरकार का प्लान

    Employment News : यूपी के 20000 युवाओं को मिलेगा रोजगार , यूपी सरकार बना रही नया प्लान आइए जानते हैं क्या है ? पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से ग्रीन हाइड्रोजन की तरफ देख जा रहा है , इसी क्षेत्र में जापान प्रदेश सरकार की मदद करेगा उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी की अगुवाई में प्रदेश सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत तक जापान जाने की तैयारी में है। इनके द्वारा वहां पर ना ही केवल उत्पादन टेक्नोलॉजी का अध्ययन किया जाएगा बल्कि वहां इस क्षेत्र में सक्रिय कंपनियों की यूपी में निवेश के लिए आमंत्रित भी किया जाएगा। यूपी में बड़ी-बड़ी कंपनियों के निवेश से रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।

    ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए 17 कंपनियों ने राज्य सरकार को दिया प्रस्ताव

    ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए 17 कंपनियों ने राज्य सरकार को प्रस्ताव दिया है , इसे तकरीबन 1.15 लाख करोड रुपए का निवेश आएगा। ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन और इसके उपयोग को अधिक प्रदूषण वाले उद्योगों में किया जाएगा , जिसमें फर्टिलाइजर रिफाइनरी और ऊर्जा जैसे सेक्टर शामिल है।

    उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा विकास अभिकरण के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक शुरुआत में राज्य में नाइट्रोजन उर्वरकों और रिफाइनरी उद्योग में ग्रीन हाइड्रोजन का इस्तेमाल किया जाएगा। सरकार की तरफ से ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन को वर्ष 2029 तक 1 मिलियन मेट्रिक टन करने का लक्ष्य रखा गया है।

    यूपी में 20000 युवाओं को मिलेगा रोजगार

    ग्रीन हाइड्रोजन के सेक्टर में निवेश से लगभग 20000 युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे , ग्रीन हाइड्रोजन के सेक्टर में विस्तार करने के लिए प्रदेश सरकार हाइड्रोजन पॉलिसी में बदलाव पर विचार कर रही है। देश और विदेश की कई कंपनियों ने यूपी में निवेश की इच्छा जताई है , मसलन यूनाइटेड किंगडम की ट्राफलगर स्कॉयर कैपिटल कैपिटल लखनऊ के पास 10000 टन प्रति वर्ष ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए संयंत्र लगाएगी।

    उत्तर प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र इन शहरों में

    • यूनाइटेड किंगडम की ट्राफलगर स्कॉयर कैपिटल लखनऊ के पास 10000 टन प्रति वर्ष ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए संयंत्र लगाएगी।
    • वेलस्पन ग्रुप बुलंदशहर में 40 हजार करोड़ रुपये निवेश करके ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया संयंत्र लगाएगा।
    • हाइजेनको ग्रीन एनर्जीज प्राइवेट लिमिटेड प्रयागराज में 16,000 करोड़ रुपये के निवेश से 0.2 मिलियन टन उत्पादन क्षमता का ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट लगाएगा।

    ग्रीन हाइड्रोजन के सेक्टर में निवेश से लगभग 20000 युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे

  • UP SI Notification Good News: सिपाही और दरोगा बनने का शानदार मौका, परीक्षा तिथि और नोटिफिकेशन को लेकर बड़ी खबर

    UP SI Notification Good News: सिपाही और दरोगा बनने का शानदार मौका, परीक्षा तिथि और नोटिफिकेशन को लेकर बड़ी खबर

    UP SI Notification Good News: उत्तर प्रदेश के जितने भी युवा जो यूपी पुलिस SI और सिपाही तैनाती का इन्तिज़ार कर रहें थें उनके लिए महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी का न्यूज़ है। अब युवाओं का उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में दरोगा (SI) और सिपाही (Constable) बनने का सपना पूरा हो सकता है। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने परीक्षा कराने की पूरी तैयारी शुरू कर दी है। आपको बता दें की सबसे पहले दरोगा लिपिक संवर्ग (Clerk Category) की परीक्षा कराई जाएगी। आइए जानतें हैं पूरी डिटेल जानकारी की क्या है पूरा मामला।

    यूपी पुलिस SI (लिपिक संवर्ग) परीक्षा कब आयोजित होगी

    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह परीक्षा सितंबर के दूसरे हफ्ते से पहले कराई जाने की पूरी संभावना है। आपको बता दें की बोर्ड ने इस परीक्षा की तैयारी लगभग पूरी कर ली है। रिपोर्ट के अनुसार यह परीक्षा 3 प्रकार के पदों के लिए आयोजित होने वाली है: पहला पद है उप निरीक्षक लिपिक (Sub-Inspector Clerk) दूसरा पद है उप निरीक्षक गोपनीय सहायक (Confidential Assistant) और तीसरा पद है उप निरीक्षक लेख (Accounts). इन तीनो पदों की कुल संख्या 931 राखी गई है।

    आपमें से काफो उमीदवार यही सोच रहे होंगे की सिपाही और दरोगा (SI) के कितने पदों पर होगी भर्ती? आपको बता दें की सिपाही के लिए 22,000 से अधिक पद होंगे और दरोगा (SI) के लिए लगभग 4,524 पद मौजूद होंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन पदों पर भी भर्ती की तैयारी तेज़ी से शुरू हो चुकी है। अधिक जानकारी के लिए आप इसके ऑफिसियल वेबसाइट पर नजर बनाए रखें।

    इक्छुक उम्मीदवारों के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें

    आपको बता दें की पुलिस विभाग द्वारा जैसे ही SI और सिपाही की भर्ती का नोटिफिकेशन ऑफिसियल वेबसाइट पर रिलीज़ किया जाएगा, लाखों युवाओं को परीक्षा देने का मौका मिलेगा काफी लम्बे समय से नोटिफिकेशन के इन्तिज़ार में हैं। जो अभ्यर्थी लंबे समय से तैयारी कर रहे थे, अब राहत की सांस ले सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लगभग 60,244 अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग सिपाही पद के लिए पहले ही शुरू की जा चुकी है। अब बोर्ड ने SI और सिपाही की अगली भर्तियों को लेकर काम तेज़ कर दिया है।

  • UP Police Constable Good News: इस दिन जारी होगा यूपी पुलिस का नोटिफिकेशन, 19220 पद योग्यता और आवेदन प्रक्रिया यहाँ देखें

    UP Police Constable Good News: इस दिन जारी होगा यूपी पुलिस का नोटिफिकेशन, 19220 पद योग्यता और आवेदन प्रक्रिया यहाँ देखें

    UP Police Constable Good News: सरकारी नौकरी का इंतजार कर रहे लाखों युवाओं के लिए बहुत ही सुनहरा अवसर की बात है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग बहुत ही जल्द कांस्टेबल नए नियुक्ति के लिए आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी करने वाला है। मीडिया से हमें यह भी पता चला है की आधिकारिक विज्ञापन 15 जुलाई 2025 तक आने की संभावना है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हालांकि अभी तक ऑफिशियल की तरफ से कोई भी अपडेट सामने नहीं आया है नोटिफिकेशन को लेकर, ये केवल अनुमान लगाया जा रहा है कि 15 जुलाई तक नोटिस जारी किया जा सकता है।

    जितने भी युवा इस नियुक्ति का इंतजार कर रहे थे तैयारी में लग जाइए कभी भी नोटिस जारी हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट का यह भी कहना है कि कांस्टेबल पद के लिए तकरीबन 19,220 रिक्त पद पर नए उम्मीदवारों का चयन होगा।

    इस नियुक्ति के लिए कौन कौन पात्र है

    सबसे पहले बात करें शिक्षण योग्यता की तो इस कांस्टेबल पद के लिए वही आवेदन कर सकते हैं जिनके पास किसी भी मान्यता प्राप्त संस्था या बोर्ड से कम से कम 12वीं कक्षा इंटरमीडिएट परीक्षा पास करने का प्रमाण पत्र है। इस उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल नियुक्ति में आवेदन करने का न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष और अधिकतम आयु सीमा 22 वर्ष तक निर्धारित किया गया है। हालांकि सरकारी नियम के अनुसार आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को अधिकतम आयु सीमा में छूट दी जाएगी। जिसकी जानकारी आपको नोटिफिकेशन में मिलेगी। नोटिफिकेशन का अपडेट पाने के लिए आप आधिकारिक वेबसाइट पर नज़र बनाए रखें।

    उम्मीदवार इस नियुक्ति में अप्लाई कैसे करेंगे

    फिलहाल अभी तक तो इसका नोटिफिकेशन सामने नहीं आया है तो यह बताना मुश्किल है कि आवेदन कब से शुरू होगा लेकिन जब भी आवेदन शुरू होगा नीचे दिए गए प्रक्रिया को फॉलो करके आप एप्लीकेशन फॉर्म भर सकते हैं:

    • सबसे पहले आपको इसके आधिकारिक वेबसाइट पर जाना है। uppbpb.gov.in
    • होम पेज पर आपको “यूपी पुलिस कांस्टेबल” आवेदन करने का लिंक मिलेगा।
    • उस पर क्लिक करके रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरा करना है।
    • उसके बाद आपको एप्लीकेशन फॉर्म का विकल्प दिखेगा ध्यानपूर्वक आवेदन पत्र को भरें।
    • भरने के बाद कुछ जरूरी दस्तावेज मांगे जाएंगे उनको भी स्कैन करके अपलोड करना होगा।
    • अपलोड करने के बाद सबमिट वाले बटन पर क्लिक करके एप्लीकेशन फॉर्म को जमा कर दें।
    • अभ्यर्थियों से अनुरोध है लास्ट में कंफर्मेशन पेज का प्रिंट निकालना ना भूले।

    उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल पद पर नौकरी पाने के लिए आपको सबसे पहले लिखित परीक्षा देना होगा, उसके बाद आपका फिजिकल टेस्ट / मेडिकल टेस्ट और डॉक्युमेंट वेरीफिकेशन होगा। इन सारे परीक्षाओं को पास करने के बाद लास्ट में आपका फाइनल मेरिट लिस्ट तैयार किया जाता है। जितने भी अभ्यर्थी इस पद के लिए चयन कर लिए जाएंगे उनका सैलरी 21,700 प्रति महीना से लेकर 69,100 प्रति महीना के बीच निर्धारित किया जाता है।

  • UP Free Computer Training: O लेवल और CCC कोर्स के लिए 14 जुलाई तक आवेदन करें, छात्रों के लिए सुनहरा मौका

    UP Free Computer Training: O लेवल और CCC कोर्स के लिए 14 जुलाई तक आवेदन करें, छात्रों के लिए सुनहरा मौका

    UP Free Computer Training: उत्तर प्रदेश के छात्रों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है, अब आपको ओ लेवल और सीसीसी प्रशिक्षणकी ट्रेनिंग फ्री में मिल सकती है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना के तहत जितने भी तमाम युवा जो अन्य पिछड़ा वर्ग यानी कि ओबीसी कैटेगरी के हैं वह अब मुफ्त में कंप्यूटर ट्रेनिंग का फायदा उठा सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ओबीसी कैटेगरी के युवाओं को ओ लेवल और सीसीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने का बहुत ही सुनहरा अवसर सामने आया है।

    रिपोर्ट के मुताबिक यह भी पता चला है कि वर्तमान वर्ष इस योजना के लिए योगी सरकार ने तकरीबन 35 करोड रुपए बजट स्वीकृत किया है, जो कि छात्रों को ट्रेनिंग देने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। अगर आप इस कोर्स के लिए योग्य और इच्छुक हैं तो आप इसके आधिकारिक वेबसाइट (obccomputertraining.upsdc.gov.in) पर जाकर 14 जुलाई से पहले रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

    यूपी फ्री कंप्यूटर ट्रेनिंग का सुनहरा मौका

    आपको बता दें कि जितने भी अन्य पिछड़ा वर्ग यानी कि ओबीसी कैटेगरी के युवा है उनको तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना की शुरुआत की है। बात करें इस ट्रेनिंग की तो सरकार ने उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में तकरीबन 299 संस्थानों पर प्रशिक्षण देने का केंद्र बनाने वाली है। जिसमे से 52 संस्थानों पर ओ लेवल की ट्रेनिंग दी जाएगी और 43 संस्थानों पर सीसीसी कोर्स की ट्रेनिंग दी जाएगी। वहीं पर 204 ऐसे ऐसे संस्थान है जहां पर आपको दोनों प्रशिक्षण का ट्रेनिंग मिलेगी।

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पता चला है की प्रशिक्षण देने वाली संस्थाओं (ट्रेनिंग सेंटर) का चयन निदेशक स्तर पर बनी एक समिति द्वारा किया जाता है। यानी राज्य स्तर पर अधिकारी यह तय करेंगे कि कौन सी संस्था को ट्रेनिंग देने की अनुमति दी जाए। आपकी जानकारी के लिए बता दें की इस ट्रेनिंग के लिए छात्रों का चयन जनपद (ज़िला) स्तर पर जिलाधिकारी (DM) की अध्यक्षता में बनी समिति द्वारा किया जाएगा। यानी हर जिले में DM और अन्य अधिकारी तय करेंगे कि कौन-कौन छात्र इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

    फ्री कंप्यूटर ट्रेनिंग के लिए पात्रता मानदंड

    आपको बता दें की इस फ्री ट्रेनिंग के लिए हर कोई आवेदन नहीं कर सकता है। इसके लिए वही आवेदन कर सकतें हैं जो बेरोजगार युवक-युवतियां जिन्होंने किसी भी मान्यता प्राफ्त संस्था या बोर्ड से इंटरमीडिएट (12वीं कक्षा) पास कर ली हो। इसके अलावा केवल उन्ही छात्रों को मौका दिया जायेगा जिनके माता-पिता की सालाना इनकम तक़रीबन ₹1,00,000 या उससे कम है।

    बात करें कोर्स की अवधि, सहायता राशि और भुगतान प्रक्रिया की तो ओ लेवल कोर्स के लिए एक साल की अवधि लगती है जिसके लिए छात्रों को 15,000 रुपए तक की सहायता राशि दी जाती है। सीसीसी कोर्स की बात करें तो इसके लिए 3 महीने की अवधि होती है। जिसमें छात्रों को 3,500 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है।