Teacher Old Pension Update Good News : यूपी में शिक्षामित्र से शिक्षक बने शिक्षकों के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से एक अहम फैसला आया है, जो कि उनके पक्ष में है। दरअसल शिक्षकों को इस मामले पर फैसले का लंबे समय से इंतजार है, लेकिन अब इलाहाबाद हाई कोर्ट के द्वारा इस पर कड़ी कार्रवाई करते हुए आदेश दिया गया है। दरअसल बेसिक शिक्षा विभाग के द्वारा शिक्षकों की पेंशन से संबंधित निर्णय लेना है, जिसके आधार पर शिक्षकों को पेंशन दी जाएगी और उनकी पेंशन में बहाली होगी। लेकिन इस पर बेसिक शिक्षा विभाग के द्वारा लंबे समय से कोई भी निर्णय नहीं लिया जा रहा है, इसके लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 4 सितंबर 2025 तक का समय दिया है। इस समय के पश्चात यदि विभाग के द्वारा कोई भी निर्णय नहीं दिया जाता है, तो विभाग सचिव को कोर्ट में पेश होना होगा।
पुरानी पेंशन बहाली का मामला क्या है?
दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा वर्ष 2000 के अंतर्गत शिक्षामित्र भर्ती शुरू की गई थी। जिसके अंतर्गत लगभग 2 लाख शिक्षा मित्र चयनित किए गए थे। इनमें से कुछ शिक्षामित्र को सरकार के द्वारा 2005 में सीधी भर्ती के माध्यम से सहायक अध्यापक बना दिया गया। यह सभी शिक्षक जो की प्राथमिक शिक्षक की श्रेणी में आ गए थे, इनको पुरानी पेंशन का लाभ मिलना चाहिए। क्योंकि यह उसके दायरे में आते हैं। लेकिन अभी तक इनको पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है, इसीलिए इन शिक्षकों के द्वारा हाईकोर्ट में अपील दी गई थी। जिससे संबंधित इलाहाबाद हाईकोर्ट के द्वारा फैसला जारी किया गया है।
अपील करने वाले शिक्षकों की मांग क्या है?
वर्ष 2005 से पहले शिक्षक पद पर चयनित होने वाले शिक्षकों की मांग पेंशन बहाली से संबंधित है। दरअसल यह सभी शिक्षक चाहते हैं कि उनकी पेंशन में बहाली की जाए। इसके लिए सबसे पहले शिक्षकों के द्वारा सरकार से अपील की गई थी, लेकिन सरकार के द्वारा इस पर कोई भी निर्णय नहीं दिया गया। इसके पश्चात शिक्षकों के द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दर्ज की गई, जिस पर भी कोर्ट के द्वारा लंबे समय से कोई भी फैसला नहीं सुनाया गया। इसके पश्चात हाल ही में अवमानना याचिका को दाखिल किया गया है, इसके पश्चात इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले पर रुचि दिखाते हुए अपना फैसला सुनाया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्या फैसला दिया?
इलाहाबाद हाई कोर्ट के द्वारा अवमानना याचिका दर्ज करने के पश्चात मामले पर सुनवाई की गई है। दरअसल इलाहाबाद हाई कोर्ट के द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग को 3 महीने का समय दिया गया है। जिसके अंतर्गत शिक्षक पेंशन बहाली से संबंधित निर्णय देना है। यदि इसमें विलंब किया गया तो 4 सितंबर 2025 के पश्चात बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव को कोर्ट में पेशी देनी होगी। इसलिए इलाहाबाद हाई कोर्ट का यह फैसला शिक्षकों के लिए बहुत ही सकारात्मक है, जिससे कि उनकी याचिका पर जल्द से जल्द निर्णय सुना दिया जाएगा।
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